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दीप मोहब्बत के जलते रहे

स्वप्न पलकों पर सुहाने सजते रहे,
दीप मोहब्बत के जलते रहे।
धड़कन भी गीत गुनगुनाने लगी,
सांसे भी कविता सुनाने लगीं।
पायल के घुंघरू सरगम बजाने लगे,
कलाई के कंगन गीत गाने लगे,
धानी चुनर हवा में लहराने लगी,
पवन में तेरी ख़ुशबू मुझे आने लगी।।
______✍️गीता

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