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दीया हूँ मैं तू ज्योति बनकर जलने की कोशिश कर

न जा तू दूर थोडा पास आ मिलने की कोशिश कर,
जरा हँसकर के मेरे साथ तू चलने की कोशिश कर,
काश बदल जाए इरादा जो अभी तक था तेरे दिल में,
दीया हूँ मैं तू ज्योति बनकर जलने की कोशिश कर।

कुलदीप विद्यार्थी

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