दुनिया की आवाज़ों में मैरी एक आवाज़ भी है…
इसमें मायने हैं कुछ, इसमें कुछ अल्फाज़ भी हैं…
ज़ाहिर से इन क़िस्सों में, छिपी हुई सी ‘आह’ भी है..
फ़िज़ूल वाक़िये हैं कुछ, सुनाने की चाह भी है…
इस दिल मे हुए क़ैद कई भोली आशाऔं के पँछी मगर..,
अरमानो की उडानें भरता ज़िद्दी सा इक बाज़ भी है…
दुनिया की आवाज़ों में मैरी एक आवाज़ भी है…
गेहराई में पलते सपने हैं, ख्वाहिशों की लाश भी है…
मेहेरबानी ख़ुदा की है बहुत, कुछ अनसुने से ‘काश’ भी हैं…
इस शोर में जो सुन सके, हमें ऐसे दिल की तलाश भी है…
रस्ते में दम तोड़ गए अन्जाम थे धोखेबाज़ मगर..,
फिर कहीं ज़िन्दा हुआ एक तूफानी आग़ाज़ भी है…
दुनिया की आवाज़ों में मैरी एक आवाज़ भी है…