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दूर रह कर कभी दूर नहीं रहता है

दूर रह कर कभी दूर नहीं रहता है
मेरी चाहत है सदा दिल के मकीं रहता है

देखिए दिल और नज़र में है ताअल्लुक कैसा
चोट लगती है कहीं दर्द कहीं रहता है

बामो दर छूले अगर दिल के मोहब्बत आकर
ज़िदगानी में वही लम्हा हसीं रहता है

सोच कर फैसले करता तो संभल सकता था
बेवफाई पे मोहब्बत का यकीं रहता है

जिसने गुलज़ार किया है मेरी वीरानी को
बन के तक़दीर वही दिल में मकीं रहता है

घेर लेती हैं जहाँ बंदिशे दुनिया मुझको
ज़ज्बा ए वस्ल मिरा सोग नशीं रहता है

मुब्तिला रहता है शैदाई सा मन ख्वाबों मे
इश्क में वक्त का एहसास नहीं रहता है

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