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धर्मयुद्ध

कोई वरिष्ठ था
कोई गरिष्ठ था
कोई पहनके इच्छामृत्यु का चोला।
पुत्र मोह के चादर में कोई
और प्रतिशोध आदर में कोई
ले तन मन में प्रतिकार का गोला।।
मित्र सम्बन्धी बनकर कोई
लवण की ऋणियाँ बनकर कोई
धर्मयुद्ध करने को आए कुरूक्षेत्र के टोला।

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