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धोखा

मुझे आज भी तुम्हारा

धोखा याद है।

प्यार से मेरा विश्वाश जीत

उस विश्वास को तोड़ना याद है।

तुम्हारे हर वादे जो- जो याद

आते है।

मेरे आँखों में आँसू भर जाते है।

शायद इसके बाद कोई किसी पे

ऐतवार नहीं करेगा।

मेरी तरह अपना दिल कोई

और चकनाचूर नहीं करेगा।

खुशिया और गम आते जाते है।

मुझको इसकी फ़िक्र नहीं

तुमने जो धोखा दिया है

उस दर्द का भी कोई इंतज़ाम

कर दिया होता।

जाते- जाते मेरे दिल को भी

अपने साथ कर लिया होता।

मुझे आज भी तुम्हारा

धोखा याद है।

कवि-अविनाश कुमार

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