नई उमंग होगी, नए तरंग होंगे
नया सौगात होगा इस नया साल में। ।
गम के बिना खुशी मिले।
रूदन के जगह हँसी मिले।।
आप सबको इस नया साल में ।।
गम न कर तू बीते साल पुराने का।
सोच नहीं कर अपने हाल पुराने का।।
सोच सदा तू नया करेंगे, अबके इस नया साल में।।
किसी को खुशी मिली किसी को गम मिला।
किसी को ज्यादा तो किसी को कम मिला।।
बीत गया जो साल पुराना आखिर जिस हाल में।
पर पौ बारह हो सबका। इस नया साल में।।
दोस्त तो आखिर दोस्त हैं दुश्मनों को भी प्यार देना।
मतलबपरस्ती छोड़ कर सबको सच्चा व्यवहार देना।।
“विनयचंद “हो बीस हीं बीस सबका इस नया साल में।।