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नारी शक्ति

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की, समस्त महिलाओं को ससम्मान शुभकामनाएँ, छोटी सी रचना के माध्यम से प्रेषित है –

नारी में शक्ति है,
नारी से भक्ति है,
यह वस्तु नहीं मात्र उपभोग की।
नारी रूप बलिदान,
कन्यादान महादान,
घर हो जिनके बेटी, बात है संजोग की ।
नारी से सृष्टि है,
ममता की वृष्टि है,
नहीं कोई किमत माँ के कोख की ।
नारी समर्पण है,
प्रेम का दर्पण है,
नहीं कोई पर्याय पत्नी के सहयोग की।
देख कर सूनी कलाई,
बहन बिन अधूरा भाई,
दूजा न कोई वेदना, विदाई के वियोग की ।
चार पुत्रों से एक पुत्री भली,
खिलने तो दो मासूम कली,
बात है पुत्र मोह में फँसे उन लोग की ।
नारी का सम्मान करो,
रक्षा इनकी आन करो,
इलाज करो दूषित मानसिक रोग की।

देवेश साखरे ‘देव’

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