नाव राही अंजाना 6 years ago मैं कागज़ की नाव चलाने लगा, फिर बचपन में धीरे से जाने लगा, सहसा हुई जब एक दस्तक अचानक, मैं ख़्वाबों से बाहर फिर आने लगा। राही (अंजाना)