अंक गणित समझे बिना, लगा लिए थे अंक,
धीरे-धीरे उग गए, उल्टे सीधे पंख।
उल्टे-सीधे पंख, मार्ग विचलित करने को।
हार्मोन भी स्रवित थे भ्रमित करने को,
बोले कलम यदि हो, कोई राजा या रंक,
नेक दिशा में पंख, लगें तो ले लो अंक।
अंक गणित समझे बिना, लगा लिए थे अंक,
धीरे-धीरे उग गए, उल्टे सीधे पंख।
उल्टे-सीधे पंख, मार्ग विचलित करने को।
हार्मोन भी स्रवित थे भ्रमित करने को,
बोले कलम यदि हो, कोई राजा या रंक,
नेक दिशा में पंख, लगें तो ले लो अंक।