न जाओ Satish Chandra Pandey 3 years ago आंखें चुरा कर जाओ भले ही, दिल न चुरा कर जाओ। बिखरे हुए हैं मोती नयन के, उनको जुड़ा कर जाओ। बाहर बरखा बरस रही है, अतर नदी सी पथ में पड़ी है रुकने दो बहने दो, तब तक बैठो आओ। यूँ ही न जाओ न जाओ।