परिंदा देवेश साखरे 'देव' 5 years ago ऊड़ न सकूँ, पंख कतरा मैं परिंदा हूँ। पर मरा नहीं अभी तक, मैं जिंदा हूँ। आजादी तुझे ही नहीं हमें भी है पसंद, तू ना सही, तेरे कृत्य पर मैं शर्मिन्दा हूँ।