परिणीता Virendra 3 years ago प्रिय की प्रियतमा बनकर आनंदमय जीवन का सूत्रधार बनो अशोविता हो एक सशक्त जीवन एक ऐसा ही तुम सार बनो संलग्न कर जीवन तुम अपना करो पथिक का पूरा सपना जीवन जिसका तुम संग बीता बनी रहो उसकी परिणीता। वीरेंद्र सेन प्रयागराज