अकेला ही सही पर मैं चला करता हूँ
नाम तेरे से, दिल में हौसला करता हूँ,,
कभी जी लेता हूँ खुद के वास्ते मैं भी
पिलाके पानी चिड़ियों का भला करता हूँ,,
बनने बिगड़ने की आदतें हमे भी आती है
थोड़ा सा बहककर मै भी संभला करता हूँ,,
दिल और दिमाग की जंग मै हार जाता हूँ
क्योंकि मै अक्सर दिल से फैसला करता हूँ,,
बड़ा डर रहता भीड़ में खो जाने का हमको
काफिलों से दूर होकर तन्हा चला करता हूँ,,
मोहन मुरली 02/05/2016