पीर-फकीर-सा मेरा जीवन Pragya 3 years ago जब-जब चलना सीखा हमने लोगों ने रोड़े ही लगाये खुशी के आँसू निकल ना पाए दुःख ही दुःख हमने अपनाए जाने क्या है भाग्य में मेरे जो मैं करती सबकुछ उल्टा पीर-फकीर सा मेरा जीवन उल्टी नदिया में ही बहता रहता….