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पेश ए खिदमत्

पेश ए खिदमत् में तो है ही ये दिल आपके हुज़ूर, मारना है तो मार ही दो ना ,
यूँ तड़पाना गैरों को किसी बड़प्पन की निशानी तो नहीं,

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