पेश ए खिदमत् Ushesh Tripathi 8 years ago पेश ए खिदमत् में तो है ही ये दिल आपके हुज़ूर, मारना है तो मार ही दो ना , यूँ तड़पाना गैरों को किसी बड़प्पन की निशानी तो नहीं,