कभी दिल के करीब आकर तो देखो।
प्यार का जज़्बात जगा कर तो देखो।
लगने लगेगी सारी जिंदगानी हंसीन,
किसी को ज़िंदगी में लाकर तो देखो।
ना बहकने देंगे हम, तुम्हारे कदम,
कभी गाम-दर-गाम मिलाकर तो देखो।
तुम हो हकीकत, तुम ही ख्वाब हो,
ख्वाब हंसीन प्यार के, सजाकर तो देखो।
थाम लेंगे ‘देव’ ता उम्र तुम्हारा हाथ,
कभी प्यार का हाथ, बढ़ा कर तो देखो।
देवेश साखरे ‘देव’
गाम-दर-गाम – कदम से कदम