प्यार का इज़हार होने दीजिए।
गुल चमन गुलजार होने दीजिए।
खास हो एैसा ही, कोई पल दे दो,
वक्त को हम – राज होने दीजिए।
हो सदा वचनों में इक नव सादगी ,
प्यार काे अनुराग होने दीजिए।
कर करम एैसा भी कोई तो यहां,
मसखरा अब तुम न होने दीजिए।
दिल मिले हसरत हे योगेन्द्र मेरी
हो सके तो प्यार होने दीजिए।
योगेन्द्र कुमार निषाद
घरघोड़ा,छ०ग०
7000571125