प्रकृति Sukhbir Singh Alagh 5 years ago प्रकृति का कत्ल करकर, जो जीने की आस रखते है। कुदरत को मारकर, जो धार्मिक लिबास रखते है। दिल में नफरत बढ़कर, मुँह पे मिठास रखते है। खून से हाथ रंगकर भी, ये भगवन में विश्वास रखते है।