प्रचंड ज्वार लाओ Akhilendra Tiwari 6 years ago प्रचंड ज्वार लाओ नव चेतना जगाओ इतिहास नव रचो तुम नित नव कुसुम खिलाओ तुम हो अखंड दीपक बुझने की बात छोड़ो इतिहास के रचयिता इतिहास फिर से मोड़ो