हे प्रभु! करुणानिधि…
अब शीघ्र करुणा कीजिए।
हम दीन अब किसको पुकारे !
नाथ दर्शन दीजिए।
जो पाप थे हमने किए,
वह स्वयं ही फल पा चुके।
इन अधर्मों की वजह से हम,
सर्वत्र अपना लुटा चुके।
सर्वत्र अपना लुटा चुके।
हे प्रभु! करुणानिधि..
अब शीघ्र करुणा कीजिए,।
हम दीन अब किसको पुकारे नाथ दर्शन दीजिए।