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फ़तह

गुलाब सी हो जिंदगी तुम्हारी,
जो काँटों के बीच भी हँसीन हो।
हर कदम हो तुम्हारा फ़तह का,
हर पल जिंदगी बेहतरीन हो।

देवेश साखरे ‘देव’

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