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फासलों के शूल

एक ज़माने से तेरी तस्वीर लिये बैठे हैं_

तुमने फासलों पर शूल चढ़ा रखे हैं जब भी नज़दीक आते हो दिल में हमारे चुभते बहुत हैं_

-PRAGYA-

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