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फिर भी चलते जा रहे हैं

मंजिल का पता नही फिर भी चलते जा रहे हैं
सपने देख देख कर हम मुसकुरा रहे हैं
दिल चाहता है पूरे हो जाये ये इक पल मैं
पर फासले इतने है कि कदम लडखडा रहे हैं
फिर भी हौंसलों को बुलंद करके
आगे बढते जा रहे हैं
मंजिल का पता नही फिर भी चलते जा रहे हैं।

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