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बगरस निगाहें तेरी

बगरस निगाहें तेरी ,

आँखों की सुराही तेरी,

करती हैं क्या बातें,साहेबान ,

 

मन की दुया इन मेरी,

रूबरू न आएं तेरी,

करती हैं क्या बातें, साहेबान,

 

जुस्तजाजु  मेरी  वह  ही  हैं ,

रूबरू  कैसे  हो   सकु ,

उसको  बता  दे , साहेबान ,

 

बगरस निगाहें तेरी ,

आँखों की सुराही तेरी,

करती हैं क्या बातें, साहेबान 

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