बचपन Antariksha 4 years ago ढूंढता हु आज भी सुकून के कुछ पल बचपन की यादों को टटोल के देखा तोह जी चूका हु वह पल मानता हु पैसे नहीं थे उतने पर मज़ा तोह खूब किया दादी माँ के उन चवनि अठन्नी मे हो सके तोह उन पलों को फिर से जी जाऊ पर उम्र का तकाज़ा है जो रोके हुए है