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बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार

बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार
सब सर नवाते हैं, तेरे दर पर मेरे राम
कोई तुझसे क्या माँगे,
तुम किसी को क्या देते हो राम
जो देते हो तुम
वो दुनिया नहीं देते है राम
———————————–
बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार
सब सर नवाते हैं, तेरे दर पर मेरे राम ।।1।।
—————————————————
खूद को भजे बेगैर कोई
खुश नहीं रह सकता .
तेरा नाम जिस मुख से ना निकले,
वो मुख हो नहीं सकता.
जपूँ मैं सदा तेरी नाम की माला
और ये दुनिया भी तेरे नाम की गुणगान करे,
हे शबरी के प्यारा
———————————————–
बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार
सब सर नवाते हैं, तेरे दर पर मेरे राम ।।2।।
—————————————————–
कोई दुनिया से लाख बार टूटे
कोई मन-माया से लाख बार जुड़े
पर तुझसे जो जुड़े हैं मेरे राम
वहीं तुझको पाते राम
———————————
बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार
सब सर नवाते हैं, तेरे दर पर मेरे राम ।।3।।
—————————————————
लोभी, कामी, दुराचारी सपन में भी चैन नहीं पाते
साधु, सन्त, सज्जन तुझमें सदा मगन रहते
जो तुझसे दूर रहते, वो खूद को नहीं पाते
जो खूद को पाते, वहीं तुझको भजते
————————————————-
बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार
सब सर नवाते हैं, तेरे दर पर मेरे राम ।। 4।।
श्री सीताराम

बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार
सब सर नवाते हैं, तेरे दर पर मेरे राम
कोई तुझसे क्या माँगे,
तुम किसी को क्या देते हो राम
जो देते हो तुम
वो दुनिया नहीं देते है राम
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बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार
सब सर नवाते हैं, तेरे दर पर मेरे राम ।।1।।
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खूद को भजे बेगैर कोई
खुश नहीं रह सकता .
तेरा नाम जिस मुख से ना निकले,
वो मुख हो नहीं सकता.
जपूँ मैं सदा तेरी नाम की माला
और ये दुनिया भी तेरे नाम की गुणगान करे,
हे शबरी के प्यारा
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बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार
सब सर नवाते हैं, तेरे दर पर मेरे राम ।।2।।
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कोई दुनिया से लाख बार टूटे
कोई मन-माया से लाख बार जुड़े
पर तुझसे जो जुड़े हैं मेरे राम
वहीं तुझको पाते राम
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बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार
सब सर नवाते हैं, तेरे दर पर मेरे राम ।।3।।
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लोभी, कामी, दुराचारी सपन में भी चैन नहीं पाते
साधु, सन्त, सज्जन तुझमें सदा मगन रहते
जो तुझसे दूर रहते, वो खूद को नहीं पाते
जो खूद को पाते, वहीं तुझको भजते
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बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार
सब सर नवाते हैं, तेरे दर पर मेरे राम ।। 4।।
श्री सीताराम

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