बरसात के दोहे राकेश 3 years ago मेघ सुधा जल बरसते, धरती शीतल होय मेढक गाते गीत औ, व्याकुलता दे खोय 2 काले काले मेघ तब, जल ले वसुधा पास गरज चमक मानो कहे, बुझाओ अपनी प्यास 3 जल स्रोतों को कर रहे, बादल जल का दान सुखी हुए सब मीन सा, क्रषक उगाए धान