बरसात राही अंजाना 6 years ago अनजान रस्तों पर उनसे यूँ मुलाक़ात हो गई, बिन मौसम जैसे उस एक रोज़ बरसात हो गई, बादल, आसमाँ, हवाओं सबकी साज़िश थी मानो, दो दिलों को मिलाने को साथ कायनात हो गई।। राही (अंजाना)