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बरसात

ये कहानी कुछ यूँ तय्यार हों गयीं
की एक शख़्सियत बस उनपर फ़िदा हों गयीं ..!
बस देखने से ही शूरवात हों गयीं
फिर तो फिर आँखोवाली मुलाक़ात हों गयीं ..!

दिन में भी मेरी रात हों गयीं
फिर वो मेरा खाब हों गयीं ..!
खाब को करने सच्चाई मेरी भी शूरवात हो गयीं
और बस उसी दिन बरसात हों गयीं ..!😊

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