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बहते पानी

बहते पानी में हाथ मलने वाले बहुत हैं,
सेखी बघार कर इठलाने वाले बहुत हैं।
टांग बझाकर खिंचना फितरत है इनका,
बच कर रहना संसार में दोमुंहे सांप बहुत हैं।।

✍ महेश गुप्ता जौनपुरी

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