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बहु

उस पल को तो आना ही था,
तुझको विदा हो जाना ही था,
ये रीती रिवाजों की ज़ंज़ीर थी,
जिसमे तुझे बन्ध जाना ही था,
बेटी रही तू मेरी जान से प्यारी,
तुझको बहु बन जाना ही था।।
राही (अंजाना)

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