देखा बांहे फैलाये
आसमान खड़ा है
गुलाब में कुछ नई कोपलें फूटी,
अजूबा सर उठाये खड़ा है
शायद ये कल की बारिश का
नतीजा है,
जो सूखे पत्तों में भी जान फूंक दी।।
देखा बांहे फैलाये
आसमान खड़ा है
गुलाब में कुछ नई कोपलें फूटी,
अजूबा सर उठाये खड़ा है
शायद ये कल की बारिश का
नतीजा है,
जो सूखे पत्तों में भी जान फूंक दी।।