बासी फूल Pragya 2 years ago हम अपनी रातों को गुलजार ना बैठे थे किसी बेवफा को अपना यार बना बैठे थे। सूंघ के देखा तो खुशबू तक नहीं आई, बासी फूलों से हम हार बना बैठे थे।