बिना रोशन किये भीतर Satish Chandra Pandey 3 years ago बाहर सूरज है चाँद है, सितारे हैं, मगर भीतर स्वयं के देखने को हमें दीपक जलाना पड़ेगा। पवित्रता की बाती स्नेह का दिया, किया तो अच्छा कर किया अन्यथा रहने दिया। बिना रोशन किये भीतर चमक कितनी रहे बाहर, मगर वह कालिमा की लय छलक आती है कुछ बाहर।