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भवर

भवर मैं पहुंचा तो,
सोचा मुझे आएगा कोई बचाने

किनारे पर भीड़ थी लाखों की,
कुछ चेहरे कुछ जाने अनजाने

देखती रही दुनिया मुझको
न आया कोई बचाने

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

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