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भाई खुश हो

कविता-भाई खुश हो
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भाई खुश हो,
आज तुम्हारा जन्मदिन है,
मैं तो तुमसे दूर हूं
मेरा आशीष तुम्हारे साथ है,
प्यार मिले ,
सत्कार मिले,
सम्मान मिले,
मिले जगत से –
खुशियों का सार मिले,
खुदा से बस इतना कहती हूं
हर सुख तुम्हें आज मिले,
हर बाधा तुमसे दूर रहे-
बनो सदा हिमगिरी जैसे
रक्षक बनकर खड़े रहो,
विशाल बनो अंबर जैसे
सूरज जैसा तेज रखो,
क्या दू गिफ्ट तुम्हें
कुछ समझ नहीं आता है ,
प्यार भरे आशीष को
शुभ संदेशों को भाई स्वीकार करो,
साहस रखो सैनिक जैसे
विचार रखो गांधी जैसे,
राह चुनो बुद्ध की जैसी,
गर ज्ञानी ,भारत शुभचिंतक बनना हो तो
बनाना विवेकानंद के जैसे,
खूब पढ़ो,
सद्गुण संस्कार रखो,
नैतिक आदर्शों से भरे रहो,
सर्वज्ञान संपन्न बनो,
मम्मी का आज्ञाकारी पुत्र बनो,
एक दिन-
बनो बाग के माली तुम,
देश समाज कुल परिवार की
अच्छे से करो रखवाली तुम,
स्वस्थ रहो, मस्त रहो ,खुशहाल रहो,
जहां रहो ,शीतल छाया चांद की जैसा लिए रहो,
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✍️-ऋषि कुमार प्रभाकर–

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