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भारत भाग्य जगाओ

हिन्दी ओज कविता- भारत भाग्य जगाओ
जागो हे महाकाल हे महादेव हे हरिहरनाथ तुम |
करो दंडित दानवो देशद्रोहियों हे भूतनाथ तुम |
विपदा भारी भारत आज अब आन पड़ी है |
खंडित करने राष्ट्र दानव सेना चल पड़ी है |
जाती धर्म मजहब की आग देश लगाते है |
देश बिरोधी आजादी आवाज सब लगाते है |
दो सद्बुद्धि सद्द्विचार देशप्रेम हे शम्भूनाथ तुम |
भारत भाल टीका काला लगने कभी न पाये |
साजिश सियासत भारत जलने कभी न पाये |
भोली भाली जनता कानो जहर ये भरते है |
चौक चौराहो दंगा फसाद अपने भाई मरते है |
करो तांडव दुशमनों देश अब हे औघड़नाथ तुम |
हे कृपालु दयालु हे जटाधारी हे त्रिपुरारी |
खोलो त्रिनेत्र करो भस्म चढ़ो नंदी सवारी |
डम डम डमरू बजाओ चमचम त्रिशूल चमकाओ |
मौका पा के दुश्मन न घुस आए भुजंग उसे डसवाओ |
हे जटाधारी भस्मधारी जागो अब हे गौरीनाथ तुम |
जटा खोल गंगा बहाओ पापियो पाप मिटाओ |
हर हर गंगा हरहर महादेव भारत भाग्य जगाओ |
काँपे थर थर दुशमन भूत बैताल छोड़ो |
बाल न बांका हो भारत बला मुख मोड़ो |
हे कैलासपति उमापति हे रमापति नीलकंठनाथ तुम |
भ्र्स्ट नेताओ मति तुम फेरो घुसपैठीयों चहुं तुम घेरो |
लड़वाना मरवाना बहकाना बंद करे कुबुद्धि तुम जारो |
बने भारत महान विश्व की शान शंकर तुमको प्रणाम |
आदि अनादी शिव अमर तेरी कथा गाउ तेरा गुणगान |
हे त्रिलोकी नाथ दो भारती भक्त साथ हे अमरनाथ तुम |
विश्व विजयी बने भारत जय हो तेरी गौरा प्राण नाथ तुम |

श्याम कुँवर भारती [राजभर] कवि ,लेखक ,गीतकार ,समाजसेवी ,

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