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भेद खोल दिया

**भेद खोल दिया”**
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भेद
पायल ने
दिल का
खोल दिया ,

घुघरुओं ने
भी क्या क्या
बोल .दिया ।

बेखुदी
बेसुधी तन मन की,
सारी
लाँघ गई ,

प्यार ने
जिंदगी को ,
प्यारा सा ,
माहौल दिया ।

जानकी प्रसाद विवश

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