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मचलना छोड़ दिया

जब तुमने मिलना छोड़ दिया,
दिल ने धकड़ना छोड़ दिया,

राह फ़िज़ाओं ने बदली
पुष्पों ने खिलना छोड़ दिया,

बहक उठा मन का पंछी
कदमों ने लहकना छोड़ दिया,

जब से रुस्वा हुई मन्ज़िंल
“राही” ने मचलना छोड़ दिया।।

राही (अंजाना)

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