होश में रहने वाले ही अक्सर बेहोश निकले,
बिना पिए ही पीने वालों से मदहोश निकले,
बोलने वालों की भीड़ का जायज़ा किया हमने,
न बोलने से बोलने वाले ज्यादा ख़मोश निकले,
जो बहाने बनाते रहे साथ हैं हम तुम्हारे कहके,
बगल में रहने वालों से ज़्यादा सरगोश निकले।।
राही अंजाना