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मन की पाती

मन की पाती, लिख नहीं पाती
कलम को अक्सर देती दोष
कलम की कमी नहीं कुछ भी,
कलम में तो है, पूरा जोश
विचलित हो जाती हूं अक्सर
कलम पे ही निकलता रोष…

…..✍️गीता…..

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