मन थिरक उठो Janki Prasad (Vivash) 6 years ago *मन थिरक उठो…”* *********** कभी पुराने नहीं रहेंगे ये रसभरे , सुरीले गीत । सदा नयापन। देंगे मन को , यह है इन गीतों की रीत। आपका अपना मित्र जानकी प्रसाद विवश