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*मां चंद्रघंटा*(मनहरण घनाक्षरी)

स्वर्ण कांति आभा धारी, करे सिंह की सवारी,
घंटाकार अर्धचंद्र,मां का ध्यान कीजिए।

सुख शांति दिव्य शक्ति, चंद्रघंटा मां की भक्ति,
मणिचूर चक्र मन, मां आन विराजिए।

तीन नेत्र दस हाथ, गदा बाण चक्र साथ,
विराट स्वरूप मैया, दर्शन दे दीजिए।

कष्ट निवारण करो, भय शोक दूर करो,
बुद्धि विद्या दान दो मां, पाप नष्ट कीजिए।

स्वरचित मौलिक रचना
✍️… अमिता गुप्ता
कानपुर, उत्तर प्रदेश

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