घुटनों के बल सरक सरक
कब पैरों से चलना सीखा
तेरे आँचल की ओट में
न जाने कब बड़ा हुआ
तेरे हाथों की नरमाई
जीने का मतलब सीखा
पर
मैं जहाँ भी जाता हूँ
तेरी परछाई बन जाता हूँ
वही सीधा सादा भोला भाला
नन्हा सा बच्चा हूँ
कितना भी बन जाऊ बड़ा
माँ तेरा तो बच्चा हूँ .