Site icon Saavan

मातृदिवस

मां तूं है ममता का सागर
करुणामयि अमृत की गागर
श्रृजनता अतुल्य अपरम्पार
तेरा ऋणि ये सारा संसार

सुमन सी प्रफुल्लित चंचल
सन्मिष्ठा सी मधुर मनमीत
सरिता सी जीवनधार लिए
स्वाति सी सूझबूझ व प्रीत

द्वारिका सा सुंदर हर सदन
राजनीति बहे हर पल हर क्षण
माधव से सुंदर है हर उपवन
मां ही हर शाला का उत्तम धन

सांभवी से ही सरल है सबके काम
वैश्नवी की तपस्या है मन का आराम
शेखर की शोभा मां का आशीर्वाद
मां तूं हर मुश्किल का हल निर्विवाद

मां से हर घर में उमंग उत्सव
मां ही तो हर घर का वैभव
मां में राजीव सा सुगंध शैशव
मां में तेरा रूप ही है केशव

मातृदिवस सबसे पवित्र उत्सव
सारे विश्व का ही हर्षोल्लास
माता के गुण अपना फले फूले
सब मिलकर आओ करें प्रयास

Exit mobile version