कल खो दिया मैंने वो नायाब रत्न …
जिसे पाने को हर इंसान करता है , ना जाने कितने प्रयत्न …..
This Gajal Dedicate to my grandfather …..
रंज की बार – बार दरवाज़े – ए – दिल पर हुई दस्तक हैँ …..
नैना भीग गए , और मायूस चेहरे की रौनक है….
एक पल में तबाह हो गयी , ख़ुशी – ए – जिंदगी…..
अंखियों के पर्दो पर , सिलसिलेवार आपकी झलक है…….
आपका यूँ चुपचाप जग को अलविदा कह जाना …..
दिल में हमेशा के लिए रम चुकी , ये कसक है….
विश्वास नहीं हो रहा किसी के भी दिल को….
सबके गले नीचे नहीं उतरता , दाना – ए – कनक हैं…
आपके हाथों को नन्ही उंगलियों से थामा…..
काँधे पर बैठ सीखे दुनियादारी के सबक हैँ…
एक एक आब सुख गया , पंकजोम ” प्रेम “….
यहीँ थी मर्जी – ए – ख़ुदा , सबके होंठो को छू निकलने वाले शब्द ये दो टूक हैं…