मुकम्मल Prayag Dharmani 4 years ago ‘जा चुका होता मैं कब का इस जहाँ से, किसी से किये वादे, गर अधूरे नही होते.. वो किया करते हैं औरों के ख्वाब मुकम्मल, जिनके खुद के ख्वाब कभी पूरे नही होते..’ – प्रयाग मायने : गर – अगर मुकम्मल – पूर्ण