मुक्तक Mithilesh Rai 7 years ago कभी राहे-जिन्दगी में बदल न जाना तुम! कभी गैर की बाँहों में मचल न जाना तुम! सूरत बदल रही है हरपल तूफानों की, कभी हुस्न की आँधी में फिसल न जाना तुम! मुक्तककार- #महादेव'(24)