Site icon Saavan

मुक्तक 3

खड़ी है जिंदगी फिर पूछती घर का पता क्या है,
मुझे याद नहीं है मीर तू ही जाकर बता क्या है..
बड़ी मुश्किल है बेचारी किधर जाये ख़बर क्या है?
कभी वो पूछती है फिर इधर क्या है? उधर क्या है?
  …atr
Exit mobile version